Monday, September 7, 2015

asmanjas

दिमाग गुम जाता है इतनी पूजा देख कर।
अपने मित्रो को सिर्फ एक दिन के लिए पंडित बनते देख कर।
मांस मदिरा में स्नान करने वालो को, आज राम राम करते देख कर।
दोस्तों के ढकोसले, बीवी के व्रत और माँ की मूर्ति स्थापना देख कर।

करे क्या इन्सां , जिसे सिर्फ मस्त रहने की इच्छा है,
मद मस्त होके बहने की इच्छा है ?
 नहींमिलूंगा दोस्तों को पार्टी के लिए,
कह दूंगा उन्हें की जाओ अब सन्यास ही लेलो।
मंदिरों में घूमो, संत बन जाओ


अब और लिखना नहीं होगा,
जब तक बियर पीना नहीं होगा,
बियर ही सच्चाई है , गहराई है।  
इस दिल की ठंडक है, इस दिल की होसला इ अफ़ज़ाई है।








1 comment:

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